दुनिया में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिन पर यकीन कर पाना काफी मुश्किल होता है। 1955 में मोरक्को से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया था। उस समय 26 साल की रही जाहरा अबौतालिब लेबर पेन के बावजूद बच्चे को जन्म नहीं दे पाई। सिजेरियन के दौरान जान जाने का खतरा समझ उसने बच्चे को जन्म ही नहीं दिया। 46 साल बाद पेट से इस हाल में निकला बच्चा...
जाहरा 1955 में अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली थी। लेकिन 48 घंटे तक लेबर पेन के बावजूद जब बच्चा नहीं हुआ, तो उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। इससे पहले जाहरा ने एक महिला को बच्चे के जन्म के दौरान मरते हुए देखा था। इसी से डर कर जाहरा हॉस्पिटल से भाग गई। हॉस्पिटल से जाने के कई दिनों बाद तक, जाहरा के पेट में काफी दर्द होता रहता था। उसे ऐसा लगता था जैसे अब उसकी डिलिवरी हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कुछ दिनों बाद जाहरा को दर्द होना बंद हो गया।
मोरक्को में ऐसी मान्यता है कि बच्चा मां के गर्भ में सालों सो सकता है। इसी को सोच जाहरा ने अपनी प्रेग्नेंसी की बात भुला दी और तीन बच्चों को एडॉप्ट कर लिया। इसके इस घटना के 46 साल बाद अचानक जाहरा के पेट में तेज दर्द उठा। जब डॉक्टर्स ने उनका MRI स्कैन करवाया, तो वो बच्चा उनके पेट में ही मौजूद पाया गया। सर्जरी बच्चे को निकाला गया तो उसे डॉक्टर्स ने स्टोन बेबी का नाम दिया क्योंकि इतने दिनों में बच्चा पत्थर में बड़ा गया था।
पहले लगा पेट में हुआ है ट्यूमर...
2001 में जब जाहरा के पेट में तेज दर्द उठा, तो उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां के विशेषज्ञ प्रोफेसर टैबी ओज्जानी को पहले लगा कि जाहरा की ओवरी में ट्यूमर है और उसने जाहरा को अल्ट्रासाउंड करवाने भेजा।
2001 में जब जाहरा के पेट में तेज दर्द उठा, तो उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां के विशेषज्ञ प्रोफेसर टैबी ओज्जानी को पहले लगा कि जाहरा की ओवरी में ट्यूमर है और उसने जाहरा को अल्ट्रासाउंड करवाने भेजा।
MRI रिपोर्ट में सामने आया सच
जाहरा के MRI रिपोर्ट के आने के बाद डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। दरअसल, में कोई ट्यूमर नहीं था। 1955 में जिस बच्चे को जाहरा ने जन्म नहीं दिया था, वही उनके पेट दर्द का कारण था।
जाहरा के MRI रिपोर्ट के आने के बाद डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। दरअसल, में कोई ट्यूमर नहीं था। 1955 में जिस बच्चे को जाहरा ने जन्म नहीं दिया था, वही उनके पेट दर्द का कारण था।
पत्थर में बदल गया था बच्चा
जाहरा ने जिस बच्चे को जन्म नहीं दिया था, वो उनके पेट में ही रह गया था। सालों बाद अब वो पत्थर में बदल गया था। ये बच्चा जाहरा के बॉडी पार्ट्स से जुड़ गया था। चार घंटे की सर्जरी में इसे जाहरा की बॉडी से अलग किया जा सका। तब ये बिल्कुल हार्ड और सॉलिड हो चुका था।
जाहरा ने जिस बच्चे को जन्म नहीं दिया था, वो उनके पेट में ही रह गया था। सालों बाद अब वो पत्थर में बदल गया था। ये बच्चा जाहरा के बॉडी पार्ट्स से जुड़ गया था। चार घंटे की सर्जरी में इसे जाहरा की बॉडी से अलग किया जा सका। तब ये बिल्कुल हार्ड और सॉलिड हो चुका था।
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