PATNA… भागलपुर शहर के तीन युवा। तीनों नई सोच के। तीनों माउंट असीसी के स्टूडेंट। नए आइडिया को जीवन में उतारकर आज इन्होंने तीन शहर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में बिजनेस का नया साम्राज्य खड़ा कर दिया है। एक हैं इशाकचक के अंबुज सिंह, जिन्होंने सामानों की अदला-बदली कर आज 60 करोड़ की कंपनी खड़ी की है।
दूसरे और तीसरे हैं खंजरपुर के रॉबिन झा और भीखनपुर गुमटी नंबर दो के अतीत कुमार वर्मा। दोनों चाय-नाश्ते की रेस्टोरेंट से नौ करोड़ के मालिक हो गए। बचपन में जब हमारी जेब में पैसे नहीं रहते थे, तब हम अपने घर में रखे कॉमिक्स की अदला-बदली कर नई कॉमिक्स और नॉवेल पढ़ते थे।
लेन-देन के इस पुराने विचार से आज भी समाज और व्यक्तिगत जरूरतें पूरी हो रही हैं। इशाकचक के युवा आंत्रप्रेन्योर अंबुज सिंह ने वेबसाइट और एप्लीकेशन तैयार किया है। इस वेबसाइट को लॉगइन कर दिल्ली, मुंबई और बंगलुरू के छात्र और प्रोफेशनल्स लेनदेन की प्रक्रिया से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
इस प्लेटफार्म पर यह भी सुविधा है कि अगर आपके पास अदला-बदली के लिए सामान उपलब्ध नहीं है तो आप अपनी स्किल या सर्विस को भी शेयर कर सकते हैं। आज इनकी कंपनी 60 करोड़ की है।
लेन-देन के इस पुराने विचार से आज भी समाज और व्यक्तिगत जरूरतें पूरी हो रही हैं। इशाकचक के युवा आंत्रप्रेन्योर अंबुज सिंह ने वेबसाइट और एप्लीकेशन तैयार किया है। इस वेबसाइट को लॉगइन कर दिल्ली, मुंबई और बंगलुरू के छात्र और प्रोफेशनल्स लेनदेन की प्रक्रिया से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
इस प्लेटफार्म पर यह भी सुविधा है कि अगर आपके पास अदला-बदली के लिए सामान उपलब्ध नहीं है तो आप अपनी स्किल या सर्विस को भी शेयर कर सकते हैं। आज इनकी कंपनी 60 करोड़ की है।
अंबुज ने बताया कि बार्टर स्ट्रीट्स एप अभी एंड्रॉयड फोन पर भी उपलब्ध है। यह एप चैट की सुविधा के साथ आपको निजी तौर पर भी बातें करने की सुविधा भी देता है। बार्टर स्ट्रीट्स की वेबसाइट पर भी लोग इसे लॉगइन कर सकते हैं। कंपनी की वेबसाइट और एप्लीकेशन पर लोग मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, किताबें और सर्विस शेयर कर रहे हैं। लोग लीगल एडवाइस देकर बदले में मोबाइल भी पा रहे हैं।
अंबुज ने बताया कि उनके मोबाइल का चार्जर खराब होने के बाद उसने तीन सौ रुपये में एक ऑर्डिनरी चार्जर खरीद लिया। कुछ दिन यह खराब हो गया। मैंने फिर ऑरिजनल चार्जर खरीदने में 13 सौ रुपये खर्च किये। तभी मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि रोजाना घर की चीजों की जरूरत के लिए अगर पैसे खर्च न करने पड़ें तो अच्छा होगा।
सुनकर थोड़ा अजीब लगता है कि कोई लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर चाय-नाश्ते की दुकान करने लगे, लेकिन अपने शहर के दो युवाओं ने ऐसा ही किया है। इनमें से एक हैं खंजरपुर के रॉबिन झा और दूसरे हैं भीखनपुर गुमटी नंबर दो के अतीत कुमार वर्मा।
अंबुज ने बताया कि उनके मोबाइल का चार्जर खराब होने के बाद उसने तीन सौ रुपये में एक ऑर्डिनरी चार्जर खरीद लिया। कुछ दिन यह खराब हो गया। मैंने फिर ऑरिजनल चार्जर खरीदने में 13 सौ रुपये खर्च किये। तभी मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि रोजाना घर की चीजों की जरूरत के लिए अगर पैसे खर्च न करने पड़ें तो अच्छा होगा।
सुनकर थोड़ा अजीब लगता है कि कोई लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर चाय-नाश्ते की दुकान करने लगे, लेकिन अपने शहर के दो युवाओं ने ऐसा ही किया है। इनमें से एक हैं खंजरपुर के रॉबिन झा और दूसरे हैं भीखनपुर गुमटी नंबर दो के अतीत कुमार वर्मा।
माउंट असीसी स्कूल में दसवीं तक साथ पढ़ाई करने वाले दोनों युवाओं ने नौकरी ठुकराकर आमलोगों की मनपसंद चाय-नाश्ते की रेस्टोरेंट सीरीज खोलने का मन बनाया। 2013 में टीपॉट नाम से दिल्ली के मालवीय नगर में पहली शॉप खोली। नौ करोड़ की इस कंपनी के आज दिल्ली में 50 सेंटर हैं।
रॉबिन और अतीत ने बताया कि जब कॉफी शॉप की चेन पूरी दुनिया में छा सकती है तो गरमागरम चाय की बेहतर ब्रांडिंग कर लाखों करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं। इसी सोच के साथ हम आगे बढ़े। रॉबिन कंपनी के सीईओ और अतीत सीबीओ हैं। इन्होंने बताया कि दिसंबर 2016 तक कंपनी के और शॉप खोले जाएंगे, तब कंपनी का टर्नओवर 16 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
रॉबिन और अतीत ने बताया कि जब कॉफी शॉप की चेन पूरी दुनिया में छा सकती है तो गरमागरम चाय की बेहतर ब्रांडिंग कर लाखों करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं। इसी सोच के साथ हम आगे बढ़े। रॉबिन कंपनी के सीईओ और अतीत सीबीओ हैं। इन्होंने बताया कि दिसंबर 2016 तक कंपनी के और शॉप खोले जाएंगे, तब कंपनी का टर्नओवर 16 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
टीपॉट के मुख्य आउटलेट टी-थ्री एयरपोर्ट, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, मेक माई ट्रिप, गो आईबीबो, बीपीटीपी पार्क सेंटर, वर्ल्ड ट्रेड टावर और मालवीय नगर जैसे मुख्य जगहों पर स्थित है। इन्होंने बताया कि हमारी टीम ने दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में अपने ब्रांड को स्थापित किया। हर आउटलेट में एक जैसा माहौल है।
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