जापान सभ्यता और संस्कृति का अनोखा मिश्रण हैं। जापान में रिटायरमेंट के बाद दिए जाने वाले घर किसी परीलोक से कम नहीं होते हैं। यहां बुजुर्गो के लिए हर सुविधा उपलब्ध होती है।-
जिक्का होम्स
जापान में इन घरों को जिक्का होम्स नाम दिया गया है। जापानी भाषा में जिक्का होम्स का मतलब होता है पेरेंट्स। नोबूको सूमा और सेहिको फूजीओका नाम की दो महिलाओं ने इस अनोखे घर को तैयार किया है। 60 वर्ष की इन महिलाओं ने अपना ड्रीम रिटायरमेंट होम बनाया है। सूमा कहती हैं कि हमें चिंता थी कि भविष्य में हमारी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इसलिए हमने इसका निर्माण किया है। जापान के ईस्टर्न इलाके में टोक्यो से 185 किलोमीटर दूर पांच पहाडि़यों पर बनाया गया है। देखने में ये जगह परियों के गांव जैसी नजर आती है।
जापान में इन घरों को जिक्का होम्स नाम दिया गया है। जापानी भाषा में जिक्का होम्स का मतलब होता है पेरेंट्स। नोबूको सूमा और सेहिको फूजीओका नाम की दो महिलाओं ने इस अनोखे घर को तैयार किया है। 60 वर्ष की इन महिलाओं ने अपना ड्रीम रिटायरमेंट होम बनाया है। सूमा कहती हैं कि हमें चिंता थी कि भविष्य में हमारी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इसलिए हमने इसका निर्माण किया है। जापान के ईस्टर्न इलाके में टोक्यो से 185 किलोमीटर दूर पांच पहाडि़यों पर बनाया गया है। देखने में ये जगह परियों के गांव जैसी नजर आती है।
फ्यूचर की बातें
सूमा ने बताया कि 25 साल से वो अपनी दोस्त के साथ काम कर रहीं हैं। अक्सर दोनों साथ बैठकर अपने फ्यूचर के बारे में बातें किया करती थीं। उनको लगता था कि भविष्य में कैसे दो अलग परिवार एक दूसरे की मदद कर पाएंंगे। 2014 में नबूको के बेटे ने टोक्यो की एक आर्कीटेक्चर कंपनी को बुलाकर मल्टीपरपज घर तैयार करने के लिए कहा। जिसके बाद इन घरों के बनने की शुरुआत हुई। सूमा और उनकी दोस्त फूजीओका की दोस्ती को 25 साल हो गए हैं। जब दोनो मिली तो उन्होंने वेल्फेयर सेक्टर में साथ काम करने की सोची और टोक्यो में उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया। वहां दोनो हैंडीकैप्ट्ड लोगों के लिए लंच बनाती और डिलीवर करती थीं।
सूमा ने बताया कि 25 साल से वो अपनी दोस्त के साथ काम कर रहीं हैं। अक्सर दोनों साथ बैठकर अपने फ्यूचर के बारे में बातें किया करती थीं। उनको लगता था कि भविष्य में कैसे दो अलग परिवार एक दूसरे की मदद कर पाएंंगे। 2014 में नबूको के बेटे ने टोक्यो की एक आर्कीटेक्चर कंपनी को बुलाकर मल्टीपरपज घर तैयार करने के लिए कहा। जिसके बाद इन घरों के बनने की शुरुआत हुई। सूमा और उनकी दोस्त फूजीओका की दोस्ती को 25 साल हो गए हैं। जब दोनो मिली तो उन्होंने वेल्फेयर सेक्टर में साथ काम करने की सोची और टोक्यो में उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया। वहां दोनो हैंडीकैप्ट्ड लोगों के लिए लंच बनाती और डिलीवर करती थीं।
15 साल पहले देखा था प्लाट
15 साल पहले जब वो खाने की डिलीवरी देने के लिए सिजूओका आईं तो वहां उन्होंने एक प्लाट देखा। सिजूओका शहर के बाहर का इलाका है। इसके बाद दोनों ने वहां पर अपना रिटायरमेंट हाउस बनाने की सोची। सिजूओका माउंट फूजी के लिए प्रसिद्ध है। यहां चाय का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। नोबूको का कहना है कि यहां की हवा ताजी और साफ है। यहां की जमीन पर आप सब्जियां भी उगा सकते हैं। जिक्का का कंस्ट्रेक्शन 2014 में शुरू हुआ था।
15 साल पहले जब वो खाने की डिलीवरी देने के लिए सिजूओका आईं तो वहां उन्होंने एक प्लाट देखा। सिजूओका शहर के बाहर का इलाका है। इसके बाद दोनों ने वहां पर अपना रिटायरमेंट हाउस बनाने की सोची। सिजूओका माउंट फूजी के लिए प्रसिद्ध है। यहां चाय का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। नोबूको का कहना है कि यहां की हवा ताजी और साफ है। यहां की जमीन पर आप सब्जियां भी उगा सकते हैं। जिक्का का कंस्ट्रेक्शन 2014 में शुरू हुआ था।
20 हजार स्क्वायर फुट से बड़ी जगह
जगह 20 हजार स्क्वायर फुट से भी ज्यादा बड़ी है। जिक्का होम्स का काम अब पूरा हो चुका है। यह मकान बुजुर्गों के लिए बनाए गए हैं इसलिए इनमें सीढि़यां नहीं दी गई हैं। यहां नहाने के लिए स्पेशल बाथ जोन बनाई गई है। बाथ जोन पर रैंप बनाया गया है, जहां व्हील चेयर भी आसानी से जा सकती है। भविष्य में ये जगह पूरी कम्यूनिटी के लिए भी खोली जा सकती है लेकिन ऐसा होने में अभी बहुत समय लगेगा।
शहर के बाहर शांत जगह में घर बनाने का ट्रेंड
सूमा ने बताया कि जापान में ये ट्रेंड है। यहां के लोग शहर के बाहर शांत जगह पर अपना मकान बनाते हैं। सूमा ने बताया कि वो जगह बचाने के लिए ऐसा जकूजी डिजाइन करवा रहीं हैं, जिसमें व्हील चेयर भी जा सके। शहर के बार होने के चलते इस जगह पर बहुत शांति है। ये जगह पूरी तरह से हरियाली से ढकी हुई है। देखने में ये घर जन्नत सरीखे नजर आते हैं। कोई भी यहां अपना जीवन बिताने के लिए झट से तैयार हो जाएगा।
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