Sunday, 22 October 2017

बुलंद इरादा: नौ साल की निहारिका ने लिख डाला नॉवेल

निहारिका की प्रतिभा और उपलब्धि को लेकर उनके शिक्षकों ने कहा एक ओर जहां वर्तमान समय में बच्चे आधुनिक गैजेट में ही मशगूल रहते हैं, वहीं इसने एक नॉवेल लिखकर सबको हैरत में डाल दिया है।

 हौसला बुलंद हो तो किसी भी सपने को हकीकत में बदलना मुश्किल नहीं होता। कक्षा चार में पढ़ने वाली नौ साल की निहारिका ने छोटी उम्र में ही वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसके लिए कई लोग उम्र भर इंतजार करते हैं। गुरुग्राम के इनविंसिबल पब्लिशर्स से प्रकाशित उनका ‘द सीक्रेट पिंक रोज’ नॉवेल एक साहसी राजकुमारी रोज पिंक और उसकी रहस्यमयी व जादुई दुनिया पर आधारित है। बच्चों के लिए लिखा गया ये नॉवेल यह संदेश भी देता है कि मुश्किल हालात का कैसे सामना किया जाए।

निहारिका की प्रतिभा और उपलब्धि को लेकर उनके शिक्षकों का कहना है कि एक ओर जहां वर्तमान समय में बच्चे आधुनिक गैजेट में ही मशगूल रहते हैं, वहीं इस बच्ची ने एक नॉवेल लिखकर सबको हैरत में डाल दिया है। सेक्टर-56 में रहने वाले और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर निहारिका के मातापिता पारुल और मुनीश चोपड़ा बताते हैं कि वह जब चार साल की थी, तभी से हाथ में कुछ न कुछ लेकर लिखती रहती थी। जब उसका स्कूल में दाखिला भी नहीं हुआ था तभी से उसने कविताओं और कहानियों में रुचि लेना शुरू कर दिया था। निहारिका सेक्टर-48 में डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ती है। बच्ची की प्रतिभा को लेकर विद्यालय की प्राचार्य चारू मैनी कहती हैं कि वह बहुत मेहनती लड़की है। विभिन्न विषयों पर उसकी समझ उसकी उम्र से ज्यादा है। प्रसिद्ध लेखिका जेके र्रोंलग को अपना आदर्श मानने वाली निहारिका कहती है कि उसे न सजने-संवरने में वक्त बर्बाद करना पसंद है और न ही पार्टी में दिलचस्पी। खाली समय में वो सिर्फ किताबें पढ़ती है।

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