हाल में वैज्ञानिकों ने ब्रीडिंग को लेकर नए नए प्रयोग किये हैं। इसका मुख्य उद्देश्य नई प्रजाति को आर्टिफिशियल रूप से बनाना होता है, ताकि उनसे उत्तम नस्ल तैयार की जा सके। हाल ही में वैज्ञानिकों ने ऐसे ही विचित्र जानवरो को मेटिंग के द्वारा बनाया है जिनके नाम भी आपने शायद ही सुने होंगे। आज हम आपको ऐसे ही ब्रीड्सऔर उनको कैसे पैदा किया गया इसके बारे में बताने वाले हैं।
ब्लोंड डी एक्विटाइने:- इसको तीन तरह की प्रजातियों के कैटल से मिलकर बनाया गया है। मूल रूप से इन्हें फ्रांस में बीफ की कमी को दूर करने के लिए ब्रीड किया गया था। 15 महीने में इनसे 500 किलोग्राम तक बीफ प्राप्त किया जा सकता है। इनके सफेद व्हीट रंग के कारण ही इन्हें ब्लोंड कहा जाता है।
कामा हाइब्रिड:- इसे ऊंट (camel) और लामा (llama) के ब्रीडिंग से तैयार किया गया है। लामा एक साउथ अमेरिकन जानवर है जिसे वहाँ के किसान मीट के लिए पालते हैं। इसे सबसे पहले दुबई के एक रिसर्च सेंटर में 1998 में बनाया गया था। इस ब्रीडिंग में फीमेल लामा जबकि मेल कैमल का उपयोग किया गया था और इसे 'कामा' नाम दिया गया था।
बीफ़ेलो:- यह गाय और भैंस के हाइब्रिड से तैयार किया गया जानवर है। इसका भी मुख्य उद्देश्य अमेरिका में बीफ के प्रोडक्शन को बढाकर इसका निर्यात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना था।
आयरन एज पिग:- इसे घरेलू सुवर और जंगली सुवर को ब्रीड करके बनाया गया है। इसका भी मुख्य उद्देश्य ऐसी नस्ल तैयार करना था जिससे ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मीट प्राप्त किया जा सके। गोरतलब है कि यूरोप के कई देशो में सुवर का मीट बड़े पैमाने पर खाया जाता है।
मुएल(mule):- यह मेल गधे और फीमेल घोड़े से तैयार किया गया ब्रीड है। इसके कार्य करने की क्षमता गधे और घोड़े से कई गुना ज्यादा होती है और ये वजन में भी संतुलित होते हैं
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