राजकुमार राव की फिल्म 'न्यूटन' ऑस्कर में जा रही है. फिल्म को भारत की तरफ से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में नामित किया गया है. हालांकि फिल्म के कंटेंट को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसे ईरानी फिल्म 'सीक्रेट बैलेट' से चोरी किया गया है, लेकिन फिल्म के मेकर्स इस बात से इन्कार कर रहे हैं. इसके पहले भी इन 5 भारतीयों फिल्मों को ऑस्कर के लिए भेजने पर विवाद हो चुका है.
इसमें कोई शक नहीं है कि संजय लीला भंसाली की 'देवदास' बेहतरीन फिल्म थी, लेकिन मणि रत्नम की फिल्म 'कनाथी मुथमित्तल' अपने अलग विषय के कारण ऑस्कर में भेजी जानी चाहिए थी.
ऐश्वर्या राय की तमिल फिल्म 'जीन्स' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था, लेकिन उस साल हिंदी फिल्म 'सत्या' भी रिलीज हुई थी. आज भी 'सत्या' राम गोपाल वर्मा की सबसे अच्छी फिल्म मानी जाती है. सत्या की जगह 'जीन्स' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट करने पर विवाद हुआ था.
साल 2005 में शाहरुख खान-रानी मुखर्जी स्टारर 'पहेली' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट करना गलत माना गया था. उसी साल आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'स्वदेश' भी आई थी, जिसे हर मायने में 'पहेली' से बेहतर माना जा रहा था.
2012 में 'बर्फी' को ऑस्कर के लिए भेजा गया था. उसी साल 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'पान सिंह तोमर' भी रिलीज हुई थी. इन दो फिल्मों की जगह 'बर्फी' को ऑस्कर के लिए भेजना कुछ लोगों को पसंद नहीं आया था.
गुजराती फिल्म 'द गुड रोड' को इरफान खान की फिल्म 'लंचबॉक्स' की जगह ऑस्कर के लिए चुना गया था. 'लंचबॉक्स' को कई फिल्म फेस्टिवल्स में सराहना मिली थी. इसलिए 'द गुड रोड' को भेजना गलत फैसला माना जा रहा था.
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