Monday, 25 September 2017

बाटा (BATA) से जुड़ी ये 6 दिलचस्प बातें नहीं जानते होंगे आप!

भारत में अगर जूतों के ब्रांड के बारे में बात होती है तो सबसे पहले बाटा का नाम आता है। भारत के मध्यम वर्ग में इसके जूतों का बहुत ज्यादा प्रचलन है। आज हम आपको बाटा कंपनी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में आप शायद पहले नहीं जानते होंगे। तो आइए जानते हैं बाटा कंपनी की रोचक बातों के बारे में।
विदेशी कंपनी है बाटा


अगर आपको लगता है कि बाटा भारतीय कंपनी है तो आप गलत हैं। बाटा एक विदेशी कंपनी है, बाटा चेक रिपब्लिक देश की कंपनी है और इसकी शुरुआत 1894 में हुई थी।
भारत कैसे पहुंची बाटा कंपनी
बाटा की शुरुआत थॉमस बाटा ने की थी। एक प्लेन दुर्घटना में 1932 में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद उनके बेटे ने बाटा का कारोबार संभाला और इसे दुनिया भर में फैलाना शुरु किया। कंपनी के विस्तार के लिए और ज्यादा रबर और चमड़े की खोज करते हुए वह भारत पहुंचे और कलकत्ता में अपना कारोबार शुरु किया।

मेरा जूता था जापानी
भारत में जूते जापान से आयात किए जाते थे। भारत में जूता बनाने की कोई कंपनी नहीं थी उसी दौरान बाटा ने 1939 में कोलकाता में जूतों को बनाना शुरु किया। बाटा ने इतनी तेजी से जूतों का निर्माण शुरु किया कि वह 3,500 जूते प्रति हफ्ते बनाने लगा। नवभारत टाइम्स के मुताबिक, बाटा ने पटना में एक लेदर की फैक्ट्री शुरु की, जहां से वह जूतों के लिए क्वालिटी लेदर बनाने लगे। पटना में अब इस जगह को बाटागंज के नाम से जाना जाता है।

खास बात
बाटा की 18 देशों में 23 जूते बनाने वाली यूनिट्स हैं। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बाटा यूरोप की सबसे बड़ी जूता बनाने वाली कंपनी थी। 2004 में बाटा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने बाटा को दूनिया की सबसे बड़ी जूते बनाने वाली कंपनी का दर्जा दिया। एक आंकड़े के मुताबिक बाटा करीब 14 अरब जोड़ी जूतों का निर्माण चुका है, जो कि सबसे ज्यादा है।

भारत में सबसे ज्यादा स्टोर्स
बाटा ने वर्ष 2016 में भारत में ऑन लाइन 6.3 लाख जोड़ी जूते बेचे। बाटा के भारत में सबसे ज्यादा स्टोर्स हैं, जिनकी संख्या 1,300 है। बाटा कंपनी जूतों के अलावा, बैग, मोजे, पॉलिश आदि का भी सामान बनाती है और बेचती है।

बाटा के नाम पर विश्वविद्यालय

बाटा के फाउंडर टॉमस बाटा के नाम पर चेक रिपब्लिक में एक विश्वविद्यालय खोला गया है। इस विश्वविद्यालय में 10,000 से ज्यादा विद्यार्थी हैं और यहां विभिन्न विषयों की पढ़ाई होती है।

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