Thursday, 26 October 2017

हर साल 14 करोड़ रु. का सोना यहां बहता है नाली में, दुनिया का 70% सोना होता है रिफाइन



स्विट्जरलैंड में हर साल करीब 14 करोड़ रुपए का सोना नालियों में बह जाता है। ये सोना रिफाइनरी की गलती से बर्बाद हो रहा है। सोना ही नहीं, 13 करोड़ रुपए कीमत की करीब 3000 किलो चांदी भी हर साल बर्बाद होती है। स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ एक्वेटिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने देश के 64 वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्टडी की।
इस स्टडी का मुख्य मकसद वेस्ट वाटर मैनेजमेंट से जुड़ा था। लेकिन इसी दौरान पता चला कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में बड़ी मात्रा में सोना-चांदी खराब हो रहा है। इसके बाद सभी प्लांट से सैंपल लेकर नई स्टडी की गई। रिसर्चर्स ने बताया कि ‘वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर में करीब 45 किलो सोना और 3000 किलो चांदी मिली है। ये एक अंश मात्र है। असल में इससे कहीं ज्यादा सोना-चांदी सीवर में बह जा रहा है।

इसकी मात्रा इतनी ज्यादा है कि पूरा रिकवर भी नहीं किया जा सकता। सबसे ज्यादा सोना गोल्ड रिफाइनरी से बर्बाद हो रहा है। वहीं चांदी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल केमिकल और मेडिकल फील्ड में होता है। यहीं से चांदी की बर्बादी भी हो रही है।’

जूरा में सबसे ज्यादा रिफाइनरी, यहीं के सीवर में ज्यादा मेटल
स्विट्जरलैंड की पहचान दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड रिफाइनिंग हब में से एक के तौर पर है। यहां दुनिया भर का 70% सोना रिफाइन किया जाता है। राजधानी ज्यूरिख के आस-पास गोल्ड रिफाइनरी कम हैं, इसलिए यहां के सीवर में कम मात्रा में ही सोना-चांदी मिला। जूरा में रिफाइनरी सबसे ज्यादा हैं। यहीं के सीवर से सबसे ज्यादा एल्यूमिनियम और कॉपर मिला। ये दोनों धातु सोना-चांदी निर्माण में सहायक होती हैं।

मेटल रिसाइकलिंग सिस्टम मजबूत करेंगी रिफाइनरी
इस रिपोर्ट के आने के बाद गोल्ड रिफाइनरी ने मेटल रिसाइकलिंग सिस्टम मजबूत करने का फैसला किया है। इससे वेस्ट हो रहे सोने-चांदी को भी रिस्टोर किया जा सकेगा। हालांकि वैज्ञानिकों ने ये साफ तौर पर कह दिया है कि सीवर में घुले सोने-चांदी से जलवायु या वाटर सोर्स को कोई खतरा नहीं पहुंच रहा है।

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