Wednesday, 11 October 2017

इस शहर में है भारत की सबसे बड़ी पटाखा फैक्ट्री,साल में 50 हजार टन पटाखे से कमाते है करोड़ो रुपए

सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली और NCR में दिवाली पटाखों के बिना मनाई जाएगी। 11 नवंबर 2016 का बिक्री पर रोक का आदेश फिर से बरकरार रहेगा। फिलहाल कोर्ट ने सारे लाइसेंस स्थायी और अस्थायी तत्काल प्रभाव निलंबित किए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बैन 1 नवंबर 2017 तक बरकरार रहेगा। कोर्ट ने 12 सितंबर के रोक के आदेश में संशोधन किया है।

देखा जाए तो दिवाली पर पटाखे फोड़ने वालों के लिए ये खबर काफी निराशाजनक है। खरीदने वालों के साथ-साथ बेचने वालों के लिए भी ये खबर शॉकिंग है। क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे बड़ा पटाखा बाजार कहां है? तमिलनाडु में एक जगह है शिवकाशी, जिसे आप देश की पटाखा राजधानी भी कह सकते हैं।
भारत में पटाखा उत्पादन का आधा हिस्सा (50 से 55 प्रतिशत) हिस्सा तमिलनाडु के शिवकाशी का ही है। औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक, शिवकाशी साल में अकेले ही 50 हजार टन का पटाखा उत्पादन करता है और जिस हिसाब से इसका टर्नओवर करीब 350 करोड़ रुपए के करीब होता है।

यहां का मूल व्यवसाय पटाखा उत्पादन ही है, इसलिए इससे जुड़े श्रमिकों को सीजन न होने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बारिश के मौसम में और दिवाली के 3-4 महीने बाद तक पटाखा फैक्ट्रियां बंद रहती हैं। शिवकाशी में दूसरा सबसे प्रमुख उद्योग है माचिस बनाने का। यह काम आमतौर पर लोग अपने घरों में ही करते हैं।
एक और बड़ी समस्या है सांस संबंधी बीमारियों की। पटाखे बनाने के काम में गनपाउडर का इस्तेमाल होता है और ऐसे माहौल में काम करना सेहत के लिए काफी खतरनाक है। इसलिए ही पटाखा फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को आमतौर पर सांस संबंधी समस्याएं होती हैं।

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