प्यार-मोहब्बत की निशानी ‘ताजमहल’ आज अपनी रंगत खोता जा रहा है। लेकिन, आज भी ताज महल ने लोगों के दिलों में जो जगह बनाई है। उसकी जगह अब तक कोई नहीं ले पाया है। ये सिर्फ देश वासियों के ही दिल में नहीं, बल्कि विदेशियों के दिलों में भी बस्ता है।
अगर पर्यटन की बात करें तो ये पर्यटन के लिए पहली पसंद है, और यही वजह है जो आज भी ‘ताजमहल’ सरकार की आमदनी (आय) का एक बहुत बड़ा जरिया है। यह बात जान कर आपको बड़ी हैरानी होगी कि, सरकार ‘ताजमहल’ से होनी वाली आय, देश भर के सभी पर्यटन स्थल से दोगुना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार के एक आंकड़े के अनुसार ‘ताजमहल’ में एंट्री करने के लिए होने वाली आमदनी 21 करोड़ से ज़्यादा है।
Tombs inside the Tajmahal
पर्यटन मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक ने राज्य सभा में बताया था कि ‘ताजमहल’ के बाद आय के हिसाब से दूसरा नंबर ‘आगरा किले’ का आता है। जिस से होने वाली कुल आय करीब 11 करोड़ है। जबकि ‘क़ुतुब मीनार’ से 10.16, ‘हुमायूँ तुंब’ से करीब 7.12 करोड़, जबकि ‘लाल किले’ से करीब 6.15 करोड़ है।
अगर सिर्फ दिल्ली में मौजजूद इतिहासिक इमारतों से होने वाली आय की बात करें। तो यहाँ मौजजूद इतिहासिक इमारतों से कुल 49.36 करोड़ की आमदनी होती है। जबकि दिल्ली के अलावा ‘फतेहपुर सिकरी’ की कुल आय 5. 62 है। अगर बात करें साउथ की तो ‘चारमीनार’ से सरकार की कुल आय 84.76 है, जबकि ‘गोलकुंडा फोर्ट’ से होनी वाली आय 92.92 है।
अगर सिर्फ दिल्ली में मौजजूद इतिहासिक इमारतों से होने वाली आय की बात करें। तो यहाँ मौजजूद इतिहासिक इमारतों से कुल 49.36 करोड़ की आमदनी होती है। जबकि दिल्ली के अलावा ‘फतेहपुर सिकरी’ की कुल आय 5. 62 है। अगर बात करें साउथ की तो ‘चारमीनार’ से सरकार की कुल आय 84.76 है, जबकि ‘गोलकुंडा फोर्ट’ से होनी वाली आय 92.92 है।
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