दमायंती ने बताया कि अपने बेटे को खोने के बाद उन्होंने तय किया कि जिन बच्चों ने अपने मां-बाप को छोड़ दिया या जिन मां-बाप के बच्चे इस दुनिया में नहीं हैं वो उन्हें खाना मुहैया कराएं
मुंबई में एक दंपती ने बुजुर्गों के लिए टिफिन सर्विस चला रहा है। ये सर्विस वो अपनी बेटे की याद में चला रहे हैं जिसकी मौत साल 2011 में एक ट्रेन हादसे में हो गई थी। दमायंती और उनके पति प्रदीप तन्ना ने अपने बेटे को खोने के बाद उसके नाम से एक ट्रस्ट खोला जो बुजुर्गों को फ्री में खाना मुहैया कराता है।
ये लोग अपने इलाके के 110 बुजुर्गों को हर दिन खाना खिलाते हैं। दमायंती तन्ना ने बताया कि वो 110 वरिष्ठ नागरिकों को खाना और हर महीने 100 लोगों को खाने का सामान मुहैया कराते हैं जिससे कि वो अपना खाना खुद बना सकें। इसके साथ ही वो पिछड़े इलाके के बच्चों के लिए कपड़े और किताबें भी मुहैया कराते हैं।
दमायंती ने बताया कि अपने बेटे को खोने के बाद उन्होंने तय किया कि जिन बच्चों ने अपने मां-बाप को छोड़ दिया या जिन मां-बाप के बच्चे इस दुनिया में नहीं हैं वो उन्हें खाना मुहैया कराएंगी। उन्होंने कहा कि वो अपने दम पर ये काम कर रही हैं। इसके साथ ही कुछ मदद दोस्त और रिश्तेदार भी कर देते हैं।
प्रदीप तन्ना का कहना है कि उनके ट्रस्ट में जात-पात, ऊंच-नीच और धर्म का कोई मोल नहीं है। उन्होंने बताया कि बेटे को खोने के बाद वो टूट गए थे और समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। उसके बाद तय किया कि हम न सिर्फ जिंदगी जिएंगे बल्कि अपने बेटे की यादों को भी जिंदा रखेंगे।
उन्होंने बताया कि वो सिर्फ उन लोगों को खाना देते हैं जिनकी उम्र 60 से ऊपर है और खाने की जरूरत है। ये काम वो पिछले 5 सालों से करते आ रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment