आपको जानकर हैरानी होगी पर हजारों साल पहले भी एयर कंडीशनर हुआ करते थे। तपती धूप अौर तेज गर्मी से बचने के लिए महलों में इन AC का इस्तेमाल किया था। सुनने में ये बेहद अजीब लगे पर ये सच है। पर्शिया में 4000 BC के वक्त इसकी खोज हुई थी और इसका नाम रखा गया था Yakhchāl। ये ज्यादातर महलों और घरों के ऊपर बनाए जाते जो इतनी ठंडक पैदा करते थे जो आज के दौर के ऐसी करते हैं। ऐसे करता था काम...
-घरों के ऊपर बनाए जाने वाले इस गुंबदनुमा स्ट्रक्चर को सारोज नाम के मटेरियरल से बनाया जाता था जो वॉटर रजिस्टेंट होता है। सारोज अंडे, राख, बकरी के बाल, क्ले और चूने से बनता था। इसकी खासियत यह थी कि ये हीट को टिकने नहीं देता जिस वजह इसमें पानी डालते ही वह ठंडा होना शुरू हो जाता था। इसमें बने छोटे-छोटे होल से हवा अंदर आती और ठंडी होकर नीचे जम जाती।
बर्फ जमाने के लिए भी हुआ इस्तेमाल
शुरुआत में इसे खाने-पीने का सामान रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। बाद में इसे घरों के ऊपर लगाया गया जिससे 3000 स्केवयर फीट का इलाका ठंडा हो जाता था।गर्मी के दिनों में जहां ये खाने-पीने की चीजें और घरों को ठंका रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता था तो वहीं ठंड के मौसम में इसमें बर्फ भी बनाई जाती थी।
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