बिहार के सरकारी स्कूलों में किताब तो नहीं आई, लेकिन परीक्षा जरूर हुई। एक बच्चे को जब परीक्षा में जवाब नहीं सूझा तो उसने यह लिख दिया- 'किताब नहीं मिला है जी।'
बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों काे पुस्तकेे नहीं मिलीं। ऐसे में पढ़ाई कैसे हुई, समझा जा सकता है। लेकिन, एक बच्चे ने इसका भांड़ा अर्धवार्षिक मूल्याकंन परीक्षा में फोड़ दिया है। संस्कृत की उत्तर पुस्तिका में जब एक छात्र को जवाब में कुछ नहीं सूझा तो उसने लिखा, 'किताब नही मिला है जी।' छात्र की उत्तर पुस्तिका की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा की कॉपियों की जांच शुरू हो गई है। जांच के दौरान मिली संस्कृत परीक्षा की एक उत्तर पुस्तिका की फोटो वायरल हुई है। इस उत्तर पुस्तिका में छात्र ने कुछ सवालों के जवाब तो दिए हैं, लेकिन एक जगह लिखा है कि किताब नहीं मिला है जी। बिहार शिक्षा परियोजना के संज्ञान में भी यह मामला आया है। उसने जांच की बात कही है।
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा 5 से 11 अक्टूबर तक हुई। कॉपियों की जांच सोमवार से प्रारंभ हुई है। पहले दिन की जांच में ही उत्तर पुस्तिका में किताब न मिलने की बात सामने आई है। दरअसल, छात्र ने कोई गलत बात नहीं लिखी है। यह बात बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह बात सही है कि छात्रों को किताबें नहीं दी जा सकी हैं। लेकिन, ऐसा भी हो सकता है किसी ने शरारत में ऐसा किया हो। परिषद देखेगा कि यह उत्तर पुस्तिका किस जिले से जुड़ी हुई है। जांच करने के बाद ही सरकार कोई कदम उठाएगी।
यहां बता दें कि प्रारंभिक स्कूलों में पढऩे वाले तकरीबन दो करोड़ छात्रों में से 32 फीसद छात्रों को पुरानी किताबें दी गई थीं। शेष छात्रों को अब तक किताबें नहीं दी जा सकी है
यहां बता दें कि प्रारंभिक स्कूलों में पढऩे वाले तकरीबन दो करोड़ छात्रों में से 32 फीसद छात्रों को पुरानी किताबें दी गई थीं। शेष छात्रों को अब तक किताबें नहीं दी जा सकी है
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