इक्कीसवीं सदी में शायद ये ख़बर पढ़कर कुछ लोगों को अचरज होगा कि कैसे एक बंदर की मौत पर इंसानों की तरह उसका अंतिम संस्कार किया गया। और गांव के 200 लोगों ने मुंडन कर शोक भी जताया। लेकिन एहि सच्चाई है।
बता दें कि महाराष्ट्र के एक गांव में एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है। जहाँ राज्य के जलगांव जिले के निमगव्हाण गांव में तापी नदी के तट पर रहने वाले एक बंदर की हादसे में मौत हो गई। जिस की वजह से पूरे गांव ने वालों को काफी तकलीफ पहंची। हुए पूरे गांव वाले एक साथ आकर उसका अंतिम संस्कार किया। और तो और दशक्रिया विधि के लिए गांव के लोगों ने पैसे जमा कर भोजन दिया और 200 लोगों ने मुंडन कर शोक भी जताया।
दरअसल, महाराष्ट्र के जलगांव जिले के निमगव्हाण गांव में दो महिने पहले एक बंदर तापी नदी के तट पर कहीं से आया हुआ था। जहाँ इस गांव के छोटे बच्चे और गांव के नागरिक हर दिन उसे खाने के लिए देते थे। जिसके बाद बंदर भी लोगों में अच्छी तरह से घुल-मिल गया था। लेकिन, 2 अगस्त को उसकी एक सड़क दुर्घटना मे मौत हो गई। जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार में पूरा गांव शामिल हुआ। और फिर10 दिन बाद दशक्रिया विधि के लिए गांव के सभी लोगों ने पैसे जमा कर भोजन का आयोजन किया और 200 लोगों ने सामुहिक मुंडन भी कराया। जिसकी कुछ तस्वीरें भी आप यहाँ देख सकते हैं………..
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