आप भयंकर गर्मी से परेशान होकर पानी खोजते-खोजते एक बोतलबंद पानी से प्यास बुझाने के लिए जब बोतल को अपने मुंह के लगाते हैं तो आपको पता चलता है कि इस बोतल पर तो एक्सपायरी की जो डेट लिखी हुई है उसके अनुसार ये पानी तो 2 महीनों पहले ही एक्सपायर हो गया है। तो क्या आप उस बोतल से अब पानी पीयेंगे। आप उससे पानी नहीं पीएंगे, जी हां बिल्कुल नहीं पीयेंगे। और यदि आपने वो पानी पी लिया तो क्या अब आपको किसी तरह की चिंता करने की जरूरत है क्या?
आपको चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। क्योंकि पानी खराब नहीं हुआ है बल्कि पानी की बोतल पर जो तारीख लिखी हुई है वो वैसे ही जैसे कि चीनी या नमक के पैकेट पर लिखी हुई है। जो कि कुछ भी मायने नहीं रखती है।
लेकिन पानी की बोतलों के ऊपर जो डेट लिखी हुई होती है उसको लिखने के पीछे कई कारण हैं उनमें से एक मुख्य कारण हैं सरकारी नियम। क्योंकि पानी एक रोज काम में आने वाला खाद्य उत्पाद है, और इस तरह, से बोतल में बंद पानी भी और सभी रोज उपभोग आने वाले प्रोडक्टस की तरह आवश्यक कानूनों के अधीन होता है। इसके अलावा, बोतलबंद पानी की एक्सपायरी डेट से उसको बनाने वाली कंपनी को फायदा होता है।
यद्पि पानी जिस बोतल के अंदर है वो बिल्कुल भी खराब नहीं होता है जबकि जिस प्लास्टिक की बोतल में वो भरा हुआ होता है उससे कुछ समय के बाद कई तरह के केमिकल निकलने शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से पानी दूषित हो जाता है। लेकिन इससे पानी पूरी तरह से जहरीला नहीं होगा हां कुछ हद तक उसकी ताजगी गायब हो जाती है।
इसके अलावा, कई कंपनियां इन बोतलों में पानी भरने के लिए उसी मशीन का उपयोग करती हैं जिससे वे सोडा और अन्य पेय पदार्थों को भरते हैं। और उन सभी बोतलों पर एक एक्सपायरी डेट होती है तो कंपनी के लिए ये करना बहुत ही ज्यादा टाइम को वेस्ट करता है कि कुछ बोतलों पर डेट लगाएं और कुछ पर नहीं लगाएं।
और साथ ही साथ बोतल पर दी हुई डेट के साथ आम तौर पर एक बार कोड भी दिया हुआ होता है जिससे कि कंपनी के बारे में भी पता किया जा सकता है। भले ही पानी की एक्सपायरी बताने वाली डेट हमारे किसी भी काम की नहीं होती पर इसके साथ-साथ कंपनी के बारे अन्य जो जानकारी मिलती है वो हमारे बहुत ही उपयोगी होती है।
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