Friday, 20 October 2017

यहां की लेडीज कभी नहीं पहनती ब्लाउज, कुछ ऐसी है इनकी लाइफस्टाइल

सोशल मीडिया पर ब्लाउज फ्री साड़ी का कैम्पेन चल रहा है। इसमें एक से बढ़कर एक मॉडल और खूबसूरत महिलाएं बिना ब्लाउज साड़ी पहनकर फोटो अपलोड कर रही है। हालांकि, इसे फैशन माना जा रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में ब्लाउज फ्री साड़ी पहनने का चलन सदियों से चला आ रहा है। आज भी यहां ट्राइबल महिलाएं ब्लाउज फ्री साड़ी ही पहनती है।

 जानिए इस फैशन के बारे में...
- छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में आज भी खेतों में ब्लाउज फ्री साड़ी पहन काम करती हुई महिलाएं देखी जा सकती हैं।
- दरअसल इसे गातीमार स्टाइल कहा जाता है तो 1 हजार सालों से परंपरा में चली आ रही है। आदिवासी अंचलों की महिलाओं का कहना है कि ये स्टाइल सुविधाजनक होने के साथ ही खेते में काम करने, बोझ उठाने के लिए ठीक होता है।
- जंगली इलाके में भारी गर्मी के चलते ऐसे साड़ी पहनना ट्राइबल महिलाओं के लिए सुविधायुक्त होता है। इसमें ब्लाउज सिलवाने का खर्च भी नहीं होता है और ये कम समय में तुरंत साड़ी पहन लेती हैं।


लुप्त हो रही थी ये परंपरा
- अब आधुनिक फैशन ने इन इलाकों में भी दस्तक दे दी है। अब यहां की लड़कियां साड़ी के साथ ब्लाउज पहनने लगी हैं। अब इस परंपरा को बचाने में पुराने लोग लगे हुए हैं।


अब वापस ट्रेंड में आ रही ये परंपरा
- अब ये परंपरा फैशन में दोबारा लौट रही है, लेकिन इस बार बस्तर अंचल नहीं, बल्कि माया नगरी मुंबई समेत अनेक मेट्रो सिटीज में ये फैशन देखा जा रहा है।
- इंस्टाग्राम पर चलाए गए कैम्पेन ब्लाउज फ्री साड़ीज के तहत महिलाएं जोर- शोर से हिस्सा ले रही हैं। इस कैम्पेन में वे बिना ब्लाउज के साड़ी में अपनी फोटोज शेयर कर रही हैं।
- इंस्टाग्राम पर यह अकाउंट saree.man के नाम से है। इस पर अब तक 1 हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं। साथ ही, इसे साढ़े 6 हजार से ज्यादा लोग फॉलो भी कर चुके हैं।

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