साल 2016 के अंत में कंपनी के भीतर हुए घमासान के बावजूद साल 2017 में टाटा ग्रुप ने एक भरोसेमंद कंपनी होने का रुतबा कायम रखा है
नोटबंदी और जीएसटी के कारण भले ही कंपनियों के प्रदर्शन पर असर पड़ा हो, लेकिन अब भी देश में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने ग्राहकों के मन में अपने भरोसे को बरकरार रखा है। ऐसी कंपनियों की सूची में टाटा ने अव्वल दर्जा हासिल किया है। हम अपनी इस खबर में आपको टाटा के अलावा उन अन्य कंपनियों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं जिन्होंने ग्राहकों के भरोसे को अब तक नहीं खोया है। ये डेटा इंटरब्रैंड्स बेस्ट इंडियन ब्रैंड रिपोर्ट 2017 के जरिए सामने आए हैं।
टाटा ने नहीं खोया अपना रुतबा: बीते साल सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने जाने के बाद हुई उथल-पुथल के बीच कंपनी की वैल्युएशन में साल 2016 के दौरान 274 करोड़ रुपए की कमी आई थी। लेकिन साल 2017 में 73,944 करोड़ रुपए के वैल्युएशन के साथ टाटा ने भरोसमंद कंपनी होने का रुतबा बरकरार रखा है।
टाटा संस के ब्रैंड संरक्षक हरीश भट्ट ने बताया, “टाटा एक ऐसा ब्रैंड हो जो कि नेतृत्व और भरोसे का पर्याय है। टाटा ब्रैंड की एक वैश्विक पहुंच है और यह तरह-तरह के बिजनेस करती है। बीते 149 सालों में टाटा ने अपने फाउंडर जमशेद जी टाटा के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी कंपनी की तौर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है जो सब कुछ करती है।”
ये हैं साल 2017 के टॉप इंडियन ब्रैंड:
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