Saturday 30 September 2017

Festival Offer: एयरटेल, जियो, वोडाफोन और BSNL दे रहे हैं कस्टमर्स को ये डील

त्यौहार के इस सीजन में ना सिर्फ ई कॉर्मस और स्मार्टफोन कंपनियां कस्टमर्स को ऑफर दे रही है बल्कि अब इस ऑफर की दुनिया में टेलीकॉम कंपनियों के बीच भी जंग छिड़ गई है. एयरटेल, वोडाफोन, जियो और बीएसएनएल जैसी टैलीकॉम कंपनियां अपने कस्टमर्स को सस्ते डेटा टैरिफ सहित कई ऑफर दे रही है. ऐसे ही कुछ ऑफर हम आपके लिए लाएं हैं जो इस डिस्काउंट के सीजन में आपके लिए बेहतर डील साबित हो सकती हैं.

जियो ऑफरः त्यौहार के इस सीजन को ध्यान में रखते हुए रिलायंस जियो की ओर से ये ऑफर दिया जा रहा है जो 20 सितंबर से 30 सितंबर तक वैलिड होगा. इस जियो फाई की कीमत अब 999 रुपये है जो अब 1,999 रुपये थी.
खास बात ये है कि नई ऑफर कीमत के साथ आप जियोफाई को फ्लिपकार्ट पर और Jio.com पर जाकर खरीद सकते हैं. इसके अलावा आप इसे जियो स्टोर से भी खरीद सकते है.

एयरटेलः एयरटेल अपने कस्टमर्स के लिए 'बोनस 30GB' ऑफर लेकर आया है. जैसा कि नाम से साफ है इस ऑफर में एयरटेल के कस्टमर्स को 30 जीबी फ्री डेटा यूजर्स के मिलेगा. ये ऑफर नए एयरटेल पोस्टपेड यूजर्स के लिए है जिसके साथ ही कंपनी आपके घर पर सिम की डिलीवरी करेगी. इस 30 जीबी डेटा को 10 जीबी हर महीने करके तीन महीने ये फ्री डेटा पा सकेंगे. ये फ्री डेटा ऑफर कुछ चुनिंदा प्लान पर ही उपलब्ध होगा.

वोडाफोनः वोडाफोन अपने यूजर्स को अपने सभी 9 डिजिटल प्लेटफॉर्म को नवरात्रि में इस्तेमाल करने के एवज में फ्री मूवी टिकट और फूड वाउचर दे रहा है. ये ऑफर गुजरात रीजन के यूजर्स के लिए ही उपलब्ध है. इसके लिए यूजर को अपना नेटवर्क वोडाफोन सुपर 4G नेटवर्क में अपडेट करना होगा.

BSNL: अपने कस्टमर्स के लिए कंपनी ने नया स्पेशल प्लान उतारा है जिसमें आपको 360 जीबी डेटा मिलेगा. इस प्लान की कीमत 444 रुपये है. इस स्पेशल टैरिफ प्लान में हरदिन 4 जीबी डेटा मिलेगा. ये प्लान 90 दिनों की वैलिडिटी के साथ आता है. हालांकि 4 जीबी डेटा के बाद भी यूजर को डेटा मिलता रहेगा लेकिन स्पीड कम हो जाएगी.

सरकारी नौकरी का बढ़िया मौका, निकली है बंपर भर्ती, 40 हजार सैलरी

Bharat Sanchar Nigam Limited (BSNL) ने जूनियर अकाउंट ऑफिसर के पद के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए हैं. इच्छुक उम्मीदवार योग्यता अनुसार इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं.

पद का विवरण: जूनियर अकाउंट ऑफिसर

कुल पदः 996

आयु सीमा: न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए

शैक्षणिक योग्यता: मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से M.COM / CA / ICWA / CS पास हो.

ऐसे करें आवेदन: आवेदन करने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट www.externalbsnlexam.com पर जाएं। 

आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें. उम्मीदवार आगे की चयन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र का प्रिंटआउट सुरक्षित रख लें.

अंतिम तिथि: 15 अक्टूबर 2017

चयन प्रक्रियाः ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से चुनाव होगा.

सैलरी: 16, 400 से 40, 500 रुपये प्रति माह

संबंधित वेबसाइट का पताः www.externalbsnlexam.com

ये शब्द लिखते ही डाउनलोड होने लगेगी यूट्यूब वीडियो

कभी-कभी हमें YouTube पर कोई वीडियो पसंद आती है और हम उसे डाउनलोड करना चाहते हैं लेकिन यूट्यूब पर डाउनलोडिंग का ऑप्शन मौजूद ना होने के कारण हम उसे डाउनलोड नहीं कर पाते। लेकिन अगर कुछ तरीकों का इस्तेमाल किया जाये तो हम यूट्यूब पर मौजूद किसी भी वीडियो को किसी भी फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।

YouTube की वीडियो डाउनलोड करने के लिए आवश्यक है कि आप अपने मोबाइल के किसी ब्राउज़र में यूट्यूब की वेबसाइट ओपन करें और जिस वीडियो को डाउनलोड करना है उस पर क्लिक करें।
वीडियो ओपन होने के बाद उस वीडियो के यूआरएल पर क्लिक करें और उसमें YouTube से पहले SS शब्द का इजाफा कर दें। ऐसा करने के तुरंत बाद आपके सामने एक पेज खुल कर आएगा जिसमें उस वीडियो को डाउनलोड करने के लिंक मौजूद होंगे। इस तरीके की खास बात यह है कि आप इसके जरिए वीडियो को MP3, MP4 और HD फॉर्मेट में भी डाउनलोड कर सकते हैं।
क्या आपने कभी YouTube का इस्तेमाल किया है

तो यह हैं 'बिग बॉस 11' के कंटेस्टेंट की फाइनल लिस्ट!

टीवी का सबसे ज्यादा विवादित रियलिटी शो 'बिग बॉस 11' अब जल्द ही ऑन-एयर होने वाला है. हर साल की तरह इस बार भी सलमान खान की शो को होस्ट करने वाले हैं. हमेशा की तरह इस बार भी लोग अभी से ही जानना चाहते हैं कि इस बार शो में कौन-कौन से सेलेब्स हिस्सा लेने वाले हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट बॉलीवुडलाइफ.कॉम में प्रकाशित एक खबर के अनुसार इस बार शो में शामिल होने वाले कंटेस्टेंट्स की फाइनल लिस्ट सामने आ गई है. इस बार शो की थीम पड़ोसी है.

बता दें, हर बार की तरह इस बार भी शो में 15 कंटेस्टेंट नजर आएंगे. इनमें से 4 कॉमनर्स और 'बिग बॉस' की थीम पड़ोसी के 4 कंटेस्टेंट्स के बारे में बताया जा चुका है. जिनमें शिवानी दुर्गा, ज्योती कुमारी, सपना चौधरी और जुबैर खान का नाम शामिल है. इनके अलावा शो में टीवी फेम हिना खान, शिल्पा शिंदे, बेनफाश शोनवाल्ला , विकास गुप्ता, हितेन तेजवानी और प्रियांक शर्मा नजर आएंगे. हाल ही में शो का फर्स्ट लुक रिलीज किया गया है और इस शो के सेट को डिजाइनर और बॉलीवुड के जाने माने निर्माता ओमंग कुमार ने डिजाइन किया है.

पूरे देश में 1 अक्टूबर से आएंगे नए नियम, नहीं हैं जानकारी तो पढ़े ये खबर

आज महीने का आखिरी दिन और कल से शुरू होने जा रहा है अक्टूबर का महीना।  इस बार यह महीना काफी खास है क्योंकि एक अक्टूबर को कई तरह के बदलाव होने वाले हैं। और इसका सीधा असर हमारी जिंदगी पर जरूर पड़ेगा। एसबीआई में सेविंग बैंक अकाउंट को लेकर नया नियम लागू हो जाएगा। कॉल रेट को लेकर भी खुशखबरी है। इसके अलावा एसबीआई में जिन सहयोगी बैंकों का मर्जर हुआ है उनके चेक अगर आपके पास हैं तो यह खबर काम की है। जानें विस्तार में-

सबीआई का सेविंग बैंक अकाउंट : देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम चार्ज को घटा दिया है। अब 5 हजार की जगह कम से कम 3000 रुपये रखना होगा। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा।
खाता बंद करने पर भी नहीं लगेगा पैसा : एसबीआई में अभी तक खाता बंद करने पर चार्ज लिया जाता था लेकिन अब 1 अक्टूबर से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। हालांकि यह सुविधा खाता खोलने के कम से कम 14 दिन तक और एक साल बाद ही खाता बंद करने पर मिलेगी। 14 दिन के बाद और 1 साल से पहले बंद करने पर 500 रुपये और जीएसटी लगेगा।
सहयोगी बैंकों के चेक नहीं करेंगे काम : एसबीआई की जिन सहयोगी बैंकों का मर्जर हुआ है तो उनका चेक 1 अक्टूबर से नहीं चलेगा।

सस्ती हो जाएंगी कॉल दरें: 1 अक्टूबर से कॉल दरें सस्ती हो जाएंगी क्योंकि ट्राई 1 अक्टबर से  इंटरकनेक्शन चार्जेस को घटा देगा। जिससे कॉल दरें सस्ती हो जाएंगी।

पुराने एमआरपी पर नहीं बिकेगा सामान : कोई भी दुकानदार अब पुराने एमआरपी पर सामान नहीं बेच पाएगा। 1 अक्टूबर से सभी दुकानदारों को नई एमआरपी के साथ ही सामान बेचना होगा। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि पुराने एमआरपी पर सामान बेचने की आखिरी तारीख 30 सितंबर तय की थी।

Airtel ला रही 2000 रुपए से भी सस्ता स्मार्टफोन, जानें खूबियां

मुंबई। दूरसंचार क्षेत्र में रिलायंस जिओ की इंट्री ने कई कंपनियों को अपनी रणनीति बदलने को मजबूर किया है।यह रिलायंस जिओ का ही असर रहा कि एयरटेल जैसी कंपनी को डाटा सस्ता और वॉइस कॉलिंग पूरी तरह फ्री करना पड़ी।

बहरहाल, यहां हम बताएंगे कैसे जिओ के फ्री फीचर फोन को टक्कर देने वालों में अब एयरटेल भी शामिल होने जा रही है। खबर यह है कि जिओ के 4G VoLTE फीचर फोन के सामने एयरटेल ने अपना स्मार्टफोन लांच करने की तैयारी शुरू कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एयरटेल इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रही है और सबकुछ ठीक रहा तो अक्टूबर के पहले हफ्ते में यह खास फोन लांच कर दिया जाएगा। इसकी कीमत 2000 रुपए से भी कम रहेगी।

नहीं रहेगी लौटाने की झंझट
जिओ फोन की जबरदस्त चर्चा है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खामी यह बताई जा रही है कि बुकिंग के समय जमा 1500 रुपए रुपए हासिल करने के लिए तीन साल बाद फोन लौटाना होगा। वहीं बताया जा रहा है कि एयरटेल के स्मार्टफोन में ऐसा नहीं होगा।

एयरटेल के स्मार्टफोन को लेकर कहा जा रहा है कि यह 4जी स्पोर्टेड होगा। इसका डिस्प्ले 4 इंच होगा, जिसमें आगे और पीछे कैमरे होंगे। 1जीबी रैम के साथ ही VoLTE कॉलिंग इस फोन की खूबियां होंगी। हालांकि इस बारे में अब तक एयरटेल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहींं आया है।

शिक्षकों की निकली बंपर भर्तियां, इन विषयों से कर सकेंगे आवेदन

। यहां शिक्षकों की रिक्तियां निकली हैं इच्छुक उम्मीदवार संबंधित वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि Department of school education (DSE) पंजाब ने अंग्रेजी, हिंदी, गणित, पंजाबी, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के शिक्षकों लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले रोजगार संबंधी सभी आवश्यक जानकारियां पढ़ लें, उसके बाद ही आवेदन करें.

संस्थान का नाम
Department of school education (DSE)

पदों के नाम
हिंदी शिक्षक, अंग्रेजी शिक्षक, गणित शिक्षक, पंजाबी शिक्षक और विज्ञान शिक्षक

कुल पदों की संख्या
3,582

योग्यता
किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री की हो. साथ ही नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन के अनुसार उम्मीदवार का बी.एड का होना अनिवार्य है.

उम्र
18 साल से 37 साल के बीच हो.

चुनाव प्रक्रिया
इंटरव्‍यू के आधार पर चयन होगा.

महत्‍वपूर्ण तिथि
6 अक्टूबर 2017

कैसे करें आवेदन
आवेदन करने के लिए उम्मीदवार ऑफिश्यली वेबसाइट www.educationrecruitmentboard.com पर जा सकते हैं.

अब घर पर ही ट्यूशन पढ़ाने पर मिलेंगे 40 हज़ार रुपये, ये कंपनी देगी सैलरी

आज के दौर में सबसे बड़ी परेशानी है पैसा. वो कहते हैं न ‘सबसे बड़ा रुपईया.’ पैसा न हो, तो ज़िन्दगी रुक सी जाती है. आज के ज़माने में महंगाई इतनी बढ़ गयी है कि 15-20 हज़ार में भी घर का गुज़ारा करना मुश्किल है. ऐसे में ज़रा सोचिये आपको घर बैठे ही अगर 40 हज़ार मिलें तो कैसा रहेगा. आप हाउसवाइफ हैं या फिर आप घर बैठे ही पार्ट टाइम इनकम कमाना चाहते हैं, तो एक कंपनी इसके लिए आपको मौका दे रही है. ये कंपनी है क्यूमैथ. कोई भी व्यक्ति क्यूमैथ कंपनी में टीचर के तौर पर जुड़ सकता है.

कंपनी के साथ जुड़कर 40 हजार रुपये तक की कमाई कर सकता है. ये कंपनी बच्चों को सिर्फ गणित का ट्यूशन देती है. ऐसे में क्यूमैथ के साथ टीचर के तौर पर जुड़ने वाले व्यक्ति को गणित का अच्छा ज्ञान होना चाहिए. ट्यूशन शुरू करने से पहले टीचर के तौर पर जुड़ने वाले व्यक्ति को ट्रेनिंग भी दी जाती है.
क्यूमैथ के साथ टीचर के तौर पर जुड़ने के लिए आप कंपनी की वेबसाइट पर ‘बिकम अ टीचर‘ आॅप्शन पर क्लिक कर ज़रूरी जानकारी भर सकते हैं. क्यूमैथ टीचर के तौर पर शामिल करने से पहले कंपनी आपके नाॅलेज को परखेगी. इसके लिए आपको कुछ टेस्ट देने होंगे.

एक बार आप ने ये टेस्ट पास कर लिए, तो आपको क्यूमैथ टीचर बनने के लिए 6000 रुपये की वन टाइम फीस भरनी होती है. ये कंपनी किसी भी तरह की फ्रेंचाइजी फीस नहीं लेती है. 6 हजार भी इसलिए लिये जाते हैं क्योंकि टीचर्स को स्टडी मटीरियल दिया जाता है. इस मटीरियल की सहायत से ही वे बच्चों को गणित बड़े रोचक ढंग से पढ़ा पाते हैं.

इसके बाद आपको अपने घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना है. बच्चों से मिलने वाली फीस में से कंपनी कुछ फीसदी कमीशन लेती है. क्यूमैथ में बच्चों को गणित बड़े रोचक तरीके से पढ़ाई जाती है. क्यूमैथ देश के 18 से भी ज्यादा शहरों में है.

ऑस्कर के लिए नामित इन 5 भारतीय फिल्मों पर हो चुका है विवाद

राजकुमार राव की फिल्म 'न्यूटन' ऑस्कर में जा रही है. फिल्म को भारत की तरफ से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में नामित किया गया है. हालांकि फिल्म के कंटेंट को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि इसे ईरानी फिल्म 'सीक्रेट बैलेट' से चोरी किया गया है, लेकिन फिल्म के मेकर्स इस बात से इन्कार कर रहे हैं. इसके पहले भी इन 5 भारतीयों फिल्मों को ऑस्कर के लिए भेजने पर विवाद हो चुका है.

इसमें कोई शक नहीं है कि संजय लीला भंसाली की 'देवदास' बेहतरीन फिल्म थी, लेकिन मणि रत्नम की फिल्म 'कनाथी मुथमित्तल' अपने अलग विषय के कारण ऑस्कर में भेजी जानी चाहिए थी.

ऐश्वर्या राय की तमिल फिल्म 'जीन्स' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया था, लेकिन उस साल हिंदी फिल्म 'सत्या' भी रिलीज हुई थी. आज भी 'सत्या' राम गोपाल वर्मा की सबसे अच्छी फिल्म मानी जाती है. सत्या की जगह 'जीन्स' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट करने पर विवाद हुआ था.

साल 2005 में शाहरुख खान-रानी मुखर्जी स्टारर 'पहेली' को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट करना गलत माना गया था. उसी साल आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'स्वदेश' भी आई थी, जिसे हर मायने में 'पहेली' से बेहतर माना जा रहा था.

2012 में 'बर्फी' को ऑस्कर के लिए भेजा गया था. उसी साल 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'पान सिंह तोमर' भी रिलीज हुई थी. इन दो फिल्मों की जगह 'बर्फी' को ऑस्कर के लिए भेजना कुछ लोगों को पसंद नहीं आया था.

गुजराती फिल्म 'द गुड रोड' को इरफान खान की फिल्म 'लंचबॉक्स' की जगह ऑस्कर के लिए चुना गया था. 'लंचबॉक्स' को कई फिल्म फेस्टिवल्स में सराहना मिली थी. इसलिए 'द गुड रोड' को भेजना गलत फैसला माना जा रहा था.

इस खूंखार और बेरहम खुबसूरत लेडी डॉन की तस्वीरें हो रही जमकर वायरल

दुनिया बहुत ज्यादा विचित्र है। यहाँ तरह-तरह के लोग भरे हुए हैं। हर तरह के व्यक्ति इस दुनिया में पाए जाते हैं। सबकी अपनी अलग-अलग ख़ासियत होती है। हर व्यक्ति के अन्दर कोई ना कोई ख़ास गुण होता है, जिसकी वजह से वह पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाता है। कोई बहुत ज्यादा पढनें में ज्ञानी होता है तो वह वैज्ञानिक बनकर देश की और इंसानियत की सेवा करता है।

अपने ख़ास गुणों की वजह से बनाते हैं अलग पहचान
कई व्यक्तियों के पास कुछ ऐसी भी ख़ासियत होती है, जिसे समाज के लोग बुरा समझते हैं। जैसे कोई-कोई व्यक्ति बहुत शातिर चोर होता है। वह अपने चोरी के कारनामों से पूरी दुनिया को हैरान करनें का काम करता है। अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि कुछ लोगों के पास बहुत ज्यादा ख़ास बातें होती है। तरह-तरह के गुणों की वजह से व्यक्ति अपनी दुनिया में पहचान बनाता है।

अंडरवर्ल्ड की दुनिया के बारे में तो आप जानते ही हैं। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एक बॉस होता है, जिसके हुक्म का पालन सभी लोग करते हैं। ये अपने खूंखार कामों की वजह से दुनिया में जानें जाते हैं। कई पुरुष डॉन के बारे में तो आपने सुना होगा। भारत के प्रसिद्ध डॉन दाऊद इब्राहीम का नाम तो लगभग सभी लोग जानते हैं। यह अपने क्रूर हरकतों की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है।

आपने पुरुष डॉन के बारे में तो बहुत सुना है, क्या आपने कभी किसी महिला डॉन के बारे में सुना है। केवल महिला डॉन ही नहीं बल्कि हॉट महिला डॉन, जिसकी खूबसूरती की तारीफ़ पूरी दुनिया कर रही है। लेकिन महिला डॉन की क्रूरता देखकर अच्छे-अच्छे लोगों के होश उड़ जाते हैं। हम जिस लेडी डॉन की बात कर रहे हैं, उसका नाम क्लैडिया है। इसका खौफ पुरे अमेरिका में फैला हुआ है। क्लैडिया के ऊपर पूरी दुनिया में हत्या के कई आरोप लगे हुए हैं।

अंडरवर्ल्ड की दुनिया की है किम कार्दिशियाँ
क्लैडिया के पास दुनिया के सबसे खतरनाक हत्यारे हैं। इस खतरनाक लेडी डॉन ने फिरौती, ड्रग्स और कई गैरकानूनी काम करके 2 अरब डॉलर की दौलत इकट्ठी कर रखी है। आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि क्लैडिया को अंडरवर्ल्ड की दुनिया का किम कार्दिशियाँ कहा जाता है। आये दिन क्लैडिया अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालती रहती हैं जो तुरंत ही वायरल हो जाती है। क्लैडिया को उसकी फोटो की वजह से ही पूरी दुनिया की सबसे खुबसूरत लेडी डॉन कहा जाता है।






जानिये उस् शख्स्स के बारे मे जो न होता तो शायद भारत गुलाम न बनता

हमारे यहां गद्दारों के लिए दो ही नाम होते हैं. पहला, जयचंद. दूसरा, मीर जाफर. मीर जाफर को गद्दार बनाने वाले . रॉबर्ट क्लाइव. पैदा होने की तारीख 29 सितम्बर, 1725.  ये इंसान न होता, तो शायद भारत को 200 सालों तक अंग्रेजों की गुलामी न करनी पड़ती. 

वो क्लाइव ही था, जिसने भारत में अंग्रेजों की किस्मत लिखी. बेहद क्रूर. पत्थर दिल. अत्याचारी. अफीम की लत थी उसे. दिमाग ठिकाने पर नहीं रहता था. तुनकमिजाज था. कई इतिहासकार उसे ‘साइकोपैथ’ भी कहते हैं. माने, मनोरोगी. इसी क्लाइव पर 1935 में एक फिल्म बनी. क्लाइव ऑफ इंडिया.

एकदम हीरो टाइप. इसमें क्लाइव की रोमांटिक कहानी थी. ऐसे ही जैसे ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के किसी राज मल्होत्रा की होती है. दिल लुटाने वाला. टूटकर प्यार करने वाला. एक दोस्त के गले में लॉकेट था. लॉकेट में एक लड़की की तस्वीर थी. फोटो देखकर ही क्लाइव को उससे मुहब्बत हो गई. उसने बिना मिले ही शादी के लिए प्रपोज कर दिया. चिट्ठी लिखकर लड़की से कहा, भारत चली आओ. तब इंग्लैंड से भारत आने में सालभर का वक्त लगता था. लड़की आ गई. दोनों ने शादी कर ली.

पलासी की लड़ाई के दौरान मीर जाफर से मुलाकात करता रॉबर्ट क्लाइव 

हिंदुस्तान के लिए शाप, लेकिन अंग्रेजों के लिए वरदान था क्लाइव
साल 1744. क्लाइव पहली बार इंग्लैंड से मुंबई के लिए निकला. ईस्ट इंडिया कंपनी का एजेंट बनकर. रास्ते में जहाज खराब हो गया. ठीक होते-होते नौ महीने लग गए. इस बीच क्लाइव ने पुर्तगाली भाषा सीख ली. नियति थी. आगे बड़ी काम आई उसके. 1707 में मुगल बादशाह औरंगजेब मर चुका था. साम्राज्य कमजोर हो गया था. सूबेदार ताकतवर हो गए थे. फ्रांस, पुर्तगाल, ब्रिटेन सबकी नजर थी भारत पर. फ्रांस मजबूत था. मद्रास पर अंग्रेजों का प्रभाव था. यहां फ्रेंच सेना ने अंग्रेजों पर हमला किया. अंग्रेज हार गए. लेकिन क्लाइव ने बड़ी बहादुरी दिखाई. झुकने से इनकार कर दिया. बड़ी चालाकी से वेश बदलकर भाग गया. यहीं से क्लाइव की किस्मत का ताला खुला. वो सीनियर्स की नजर में आया. फ्रेंच फोर्सेस के साथ लड़ते हुए उसने बहुत बहादुरी दिखाई. इसी साहस के दम पर ब्रिटिश सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बन गया.
‘क्लाइव ऑफ इंडिया’ फिल्म का एक दृश्य.

अंग्रेजी की डिक्शनरी में बस अंग्रेजी के शब्द नहीं होते. कई भाषाओं के होते हैं. हिंदी के भी. ‘लूट’ हिंदुस्तानी जुबां का वो पहला शब्द था, जिसने अंग्रेजी में एंट्री ली. ऑक्सफर्ड डिक्शनरी के मुताबिक, 18वीं सदी के आखिरी सालों से पहले ये शब्द केवल उत्तरी भारत के मैदानी हिस्सों में बोला-सुना जाता था. फिर अंग्रेज इसका इस्तेमाल करने लगे. क्यों न करते? वो भारत में ये ही तो कर रहे थे.

क्लाइव का ‘लकी चार्म’ साबित हुआ बंगाल
क्लाइव को सबसे बड़ी पहचान मिली बंगाल में. 1756 में अलीवर्दी खां के बाद सिराजुद्दौला बंगाल के नवाब बने. नवाब की फौज ने कासिमबाजार पर हमला किया और कलकत्ते के किले पर अधिकार कर दिया. कलकत्ता की ये हार अंग्रेजों की पीठ तोड़ देती. फिर अंग्रेजों की ओर से कलकत्ता पर दोबारा कब्जा करने के लिए क्लाइव को भेजा गया. क्लाइव को सफलता मिली.

Victoria Memorial Hall: Lord Clive, initiator of British rule in India. (marble

भारत को अपनी कॉलोनी बनाने के लिए फ्रांस, पुर्तगाल और ब्रिटेन आपस में संघर्ष कर रहे थे. आखिरकार ब्रिटेन को जीत मिली. इसमें क्लाइव की भूमिका सबसे अहम थी.

मीर जाफर की गद्दारी
नवाब सिराजुद्दौला को उनके ही वफादारों ने धोखा दिया. जफर अली खान उर्फ मीर जफर उनका सेनापति था. सिपहसालार. ये ही मीर जाफर गद्दारों का मुखिया भी था. उसे नवाब की गद्दी चाहिए थी. मीर जाफर और क्लाइव के बीच समझौता हुआ. करार हुआ. मीर जाफर सिराजुद्दौला को हरवा दे. बदले में बिहार, बंगाल और ओडिशा (तत्कालीन उड़ीसा) की नवाबी ले ले. मीर जाफर अंग्रेजों को हुए नुकसान की भरपाई करने को भी तैयार हो गया.

पलासी का युद्ध 21 जून, 1757. मॉनसून जोरों पर था. क्लाइव और नवाब सिराजुद्दौला की सेनाएं आमने-सामने थीं. क्लाइव के साथ थे 1,100 यूरोपियन और 2,100 भारतीय सिपाहियों की फौज. नवाब के पास 18,000 घुड़सवार और 50,000 पैदल सेना की भारी-भरकम फौज. पलड़ा नवाब का भारी लग रहा था. 23 जून को असली लड़ाई हुई. नवाब की तोपों में भरा जाने वाला बारूद बारिश में खराब हो गया. उधर मीर जाफर नवाब की फौज के एक बड़े हिस्से को जंग के मैदान से दूर ले गया. क्लाइव जीता नहीं, नवाब हार गए. क्लाइव की फौज के कुल 22 सिपाही काम आए. सिराजुद्दौला ने भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़े गए. बाद में उन्हें मार डाला गया. इस लड़ाई ने हिंदुस्तान की तकदीर बदल दी. पलासी की लड़ाई अंग्रेजों ने बहादुरी से नहीं जीती थी. धोखेबाजी, साजिश, सौदेबाजी, रिश्वतखोरी. ये सारी चीजें थीं अंग्रेजों की जीत के पीछे. क्लाइव इसका मास्टरमाइद् था

बंगाल की जीत अंग्रेजों के लिए मील का पत्थर साबित हुई. इस जीत के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी काल सितारा बुलंद ही होता रहा. इसका आर्किटेक्ट था क्लाइव.

पलासी की जीत से अंग्रेजों को मिला अपरहैंड
क्लाइव की इस जीत ने बंगाल में अंग्रेजों को सबसे ऊपर कर दिया. हालांकि, उनकी जगह अभी पुख्ता नहीं हुई थी. बेताज बादशाह बनने के लिए अंग्रेजों को कुछ साल रुकना पड़ा. 1764 में हुई बक्सर की लड़ाई के बाद अंग्रेजों की पतंग कोई काट नहीं पाया. ये सारा श्रेय क्लाइव को ही जाता है. वो क्लाइव ही था, जिसने कमजोर शासकों की पीठ पर सवार होकर कंपनी के पैर जमाने की रणनीति बनाई थी. इस रणनीति को अंग्रेजों ने खूब कैश किया. बाद में इसी क्लाइव ने अंग्रेजों के लिए इलाहाबाद की संधि करवाने का मुकाम भी हासिल किया. संधि क्या थी, जबर्दस्ती ही थी. शर्तें क्लाइव ने तय की थी. मजबूर शाह आलम ने बस दस्तखत किए थे. 

तत्कालीन इतिहास सैयद गुलाम हुसैन खान ने इस पर लिखा:
जितनी देर एक गधे को बेचने में लगती है, उससे भी कम वक्त में इतना अहम समझौता हो गया.
पलासी की लड़ाई अंग्रेजों ने नहीं जीती. अगर मक्कारी को कूटनीति का नाम दिया जाए, तो समझ लीजिए कि बस इसी सहारे क्लाइव ने पलासी में जीत हासिल की.

ब्रिटेन से भी अमीर था तब बंगाल, उसे लूटकर क्लाइव ने भी खूब दौलत कमाई क्लाइव ने भारत को खूब कंगाल किया. सबसे ज्यादा तबाह किया बंगाल को. उस दौर में बंगाल ब्रिटेन से ज्यादा अमीर था. इसे दुहकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने खूब मुनाफा कमाया. क्लाइव भी घाटे में नहीं रहा. उसने भी खूब दौलत बनाई. क्लाइव जब वापस ब्रिटेन लौटा, तो खजाना लेकर लौटा. उसने दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाई. आज के दौर का लगभग दो अरब रुपया समझ लीजिए. ये भारत की ही लूट थी, जिसके सहारे क्लाइव उस समय पूरे यूरोप का ऐसा सबसे अमीर इंसान बन गया था, जिसने खुद संपत्ति कमाई हो. पलासी की लड़ाई के बाद उसने ईस्ट इंडिया कंपनी के खजाने में करीब 22 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. मौजूदा रुपयों में समझें, तो करीब 22 अरब रुपया.

रॉबर्ट क्लाइव की जिंदगी में बहुत विरोधाभास है. एक तरफ वो हद रोमांटिक और जान लुटाने वाला प्रेमी है, तो वहीं दूसरी ओर बेहद क्रूर और ठंडा इंसान.

नाव में लादकर ले गया था बंगाल का पैसा क्लाइव की हर कहानी क्रूर है. दिल तार-तार कर देने वाली. मालूम है, बंगाल से लूटी दौलत को वो कैसे ले गया था? नाव पर. नवाब के महल के खजाने को 100 नावों पर लादा गया. गंगा के रास्ते इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के कलकत्ता मुख्यालय ‘फोर्ट विलियम’ ले जाया गया. आधुनिक इतिहासकार क्लाइव की बहुत छीछालेदर करते हैं. उसके किए अत्याचारों के लिए उसकी बहुत आलोचना होती है. उसने बहुत अत्याचार किए. बुनकरों को गुलाम जैसी हालत पर ला छोड़ा. ऊंचे टैक्स लगाए. कृषि की ऐसी नीतियां तय कीं कि किसान बर्बाद हो गए. इन्हीं नीतियों के कारण 1770 में बंगाल के अंदर भयंकर अकाल आया. मानते हैं कि इस अकाल में 1 करोड़ से ज्यादा लोग मारे गए. बिहार से बंगाल तक फैला था ये अकाल. तत्कालीन गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स ने 1772 में रिपोर्ट जमा की. इसके मुताबिक अकाल के कारण प्रभावित इलाकों की एक तिहाई आबादी भूख से तड़पकर मर गई. इन हत्याओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी क्लाइव के ही सिर है.
रॉबर्ट क्लाइव की मौत के बारे में कई कहानियां हैं. कहते हैं, उसने बीमारी से उकताकर आत्महत्या की.

जितना क्रूर खुद था, उतना ही क्रूर हुआ क्लाइव का अंत
भारत से रिटायर होने के बाद क्लाइव ब्रिटिश संसद पहुंचा. उसने ब्रिटिश साम्राज्य के लिए जो किया, उसके एवज में. लेकिन उसकी कमाई अकूत दौलत उसे भारी पड़ गई. संसद के बाकी सहकर्मी उससे जलते थे. भ्रष्टाचार के कारण उसे खूब खरी-खोटी सुनाई जाती थी. 1774 में उसने आत्महत्या कर ली. एक छोटे चाकू से उसने खुद अपना गला काट लिया. 22 नवंबर की वो रात बहुत ठंडी थी. उसे मॉर्टन से गांव की एक गुमनाम सी कब्र में दफना दिया गया. क्लाइव ने हिंदुस्तानियों पर बहुत जुल्म किया. वक्त ने उसके साथ नृशंसता दिखाई. सजा फिर भी मुकम्मल नहीं मिली उसे. इतनी सी सजा उसके अपराध के बराबर नहीं.

Friday 29 September 2017

एशिया का पहला सफल ऑपरेशन, श्रेया को लगाए लड़के के हाथ

सड़क दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी 19 वर्ष की श्रेया के लिए एक युवक वरदान साबित हुआ। उसे 20 वर्षीय सचिन के डोनेट किए हुए अपर आर्म यानी कोहनी के नीचे के हाथ लगाए गए हैं जिससे आने वाले कुछ समय बाद वह खुद से अपने काम कर सकेगी।चिकित्सा विज्ञान के लिए यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। दरअसल भारतीय चिकित्सा पद्धति, संभवत: एशिया के पहले ऐसे अंग प्रत्यारोपण में सफल हो गई है जिसमें मरीज को किसी और व्यक्ति के हाथ लगाए गए, और सफलता के साथ उसके हाथ जुड़ गए।

श्रेया ने पिछले साल एक बस एक्सीडेंट में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। हादसे के बाद उसे कालेज भी छोडऩा पड़ गया था। श्रेया को जिस लड़के के आर्म लगाए गए हैं उसकी एक बाइक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। जिसके बाद उसके परिवार वालों ने ऑर्गन दान करने का मन बनाया। हालांकि, सचिन की मां इस बात के लिए राजी नहीं थीं। श्रेया के पिता टाटा मोटर्स में सीनियर मैनेजर हैं। उन्होंने इस सबको एक चमत्कार जैसा बताया। परिवार को उम्मीद है कि अब श्रेया अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर पाएगी।

ऑपरेशन के बाद श्रेया ने बताया कि अगर आपके पास बहुत वक्त तक हाथ ना रहें तो नए हाथों का बोझ उठाना काफी भारी सा लगता है। लेकिन मेरे लिए यह ढेर सारी खुशी वाला पल है। श्रेया का ऑपरेशन कोच्ची के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने किया। 13 घंटे के इस ऑपरेशन को 20 सर्जन और 16 अन्य लोगों की टीम ने किया। यह एशिया का पहला ऐसा अपर आर्म ट्रांसप्लांट है जिसमें लड़की को लड़के के हाथ लगे हैं।

एक IDEA ने इन तीन लड़कों की बदल दी जिंदगी, आज बने करोड़पति

PATNA… भागलपुर शहर के तीन युवा। तीनों नई सोच के। तीनों माउंट असीसी के स्टूडेंट। नए आइडिया को जीवन में उतारकर आज इन्होंने तीन शहर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में बिजनेस का नया साम्राज्य खड़ा कर दिया है। एक हैं इशाकचक के अंबुज सिंह, जिन्होंने सामानों की अदला-बदली कर आज 60 करोड़ की कंपनी खड़ी की है।
दूसरे और तीसरे हैं खंजरपुर के रॉबिन झा और भीखनपुर गुमटी नंबर दो के अतीत कुमार वर्मा। दोनों चाय-नाश्ते की रेस्टोरेंट से नौ करोड़ के मालिक हो गए। बचपन में जब हमारी जेब में पैसे नहीं रहते थे, तब हम अपने घर में रखे कॉमिक्स की अदला-बदली कर नई कॉमिक्स और नॉवेल पढ़ते थे।
लेन-देन के इस पुराने विचार से आज भी समाज और व्यक्तिगत जरूरतें पूरी हो रही हैं। इशाकचक के युवा आंत्रप्रेन्योर अंबुज सिंह ने वेबसाइट और एप्लीकेशन तैयार किया है। इस वेबसाइट को लॉगइन कर दिल्ली, मुंबई और बंगलुरू के छात्र और प्रोफेशनल्स लेनदेन की प्रक्रिया से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
इस प्लेटफार्म पर यह भी सुविधा है कि अगर आपके पास अदला-बदली के लिए सामान उपलब्ध नहीं है तो आप अपनी स्किल या सर्विस को भी शेयर कर सकते हैं। आज इनकी कंपनी 60 करोड़ की है।

अंबुज ने बताया कि बार्टर स्ट्रीट्स एप अभी एंड्रॉयड फोन पर भी उपलब्ध है। यह एप चैट की सुविधा के साथ आपको निजी तौर पर भी बातें करने की सुविधा भी देता है। बार्टर स्ट्रीट्स की वेबसाइट पर भी लोग इसे लॉगइन कर सकते हैं। कंपनी की वेबसाइट और एप्लीकेशन पर लोग मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, किताबें और सर्विस शेयर कर रहे हैं। लोग लीगल एडवाइस देकर बदले में मोबाइल भी पा रहे हैं।
अंबुज ने बताया कि उनके मोबाइल का चार्जर खराब होने के बाद उसने तीन सौ रुपये में एक ऑर्डिनरी चार्जर खरीद लिया। कुछ दिन यह खराब हो गया। मैंने फिर ऑरिजनल चार्जर खरीदने में 13 सौ रुपये खर्च किये। तभी मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि रोजाना घर की चीजों की जरूरत के लिए अगर पैसे खर्च न करने पड़ें तो अच्छा होगा।
सुनकर थोड़ा अजीब लगता है कि कोई लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर चाय-नाश्ते की दुकान करने लगे, लेकिन अपने शहर के दो युवाओं ने ऐसा ही किया है। इनमें से एक हैं खंजरपुर के रॉबिन झा और दूसरे हैं भीखनपुर गुमटी नंबर दो के अतीत कुमार वर्मा।
माउंट असीसी स्कूल में दसवीं तक साथ पढ़ाई करने वाले दोनों युवाओं ने नौकरी ठुकराकर आमलोगों की मनपसंद चाय-नाश्ते की रेस्टोरेंट सीरीज खोलने का मन बनाया। 2013 में टीपॉट नाम से दिल्ली के मालवीय नगर में पहली शॉप खोली। नौ करोड़ की इस कंपनी के आज दिल्ली में 50 सेंटर हैं।
रॉबिन और अतीत ने बताया कि जब कॉफी शॉप की चेन पूरी दुनिया में छा सकती है तो गरमागरम चाय की बेहतर ब्रांडिंग कर लाखों करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं। इसी सोच के साथ हम आगे बढ़े। रॉबिन कंपनी के सीईओ और अतीत सीबीओ हैं। इन्होंने बताया कि दिसंबर 2016 तक कंपनी के और शॉप खोले जाएंगे, तब कंपनी का टर्नओवर 16 करोड़ तक पहुंच जाएगा।

टीपॉट के मुख्य आउटलेट टी-थ्री एयरपोर्ट, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, मेक माई ट्रिप, गो आईबीबो, बीपीटीपी पार्क सेंटर, वर्ल्ड ट्रेड टावर और मालवीय नगर जैसे मुख्य जगहों पर स्थित है। इन्होंने बताया कि हमारी टीम ने दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में अपने ब्रांड को स्थापित किया। हर आउटलेट में एक जैसा माहौल है।

खुशखबरी, 12वीं पास के लिए निकली भर्ती जल्द करें आवेदन

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ ने कंप्यूटर ऑपरेटर पदों की भर्ती निकाली है, योग्य उम्मीदवार जल्द आवेदन करें। आवेदन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। भर्ती में उम्मीदवारों की आयु सीमा, योग्यता व अन्य जानकारी के लिए नीचे प्रारुप में देख सकते है।

भर्ती विवरण:-

विभाग का नाम - इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय

पद का नाम - कंप्यूटर ऑपरेटर

योग्यता - 12 पास, कम्प्यूटर डिप्लोमा हो।

स्थान - रायपुर

वेतनमान - 10,000रुपयें ।

नोट - यदि आप भर्ती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप अधिकारीक वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते है। 

अधिकारिक वेबसाइट -http://www-igau-edu-in/

जहाज के पीछे दिखने वाली ये सफ़ेद लकीर क्या है?

हम सब ने अपने बचपन के दिनों में ऊपर से जाते हवाई जहाज को देख टाटा जरूर किया है और जहाज के गुजरने के बाद, पीछे रह गयी सफ़ेद लकीर के बारे में भी खूब अनुमान लगाया है. कोई उसे जहाज का धुंआ बताता था तो कोई बर्फ की लकीर. लेकिन असल में वो क्या था किसी को नहीं मालूम था. आज भी हम में से कई लोग है जिनको इस धुएं का राज नहीं पता. तो चलिए आज हम आपको बताते है इस सफ़ेद लकीर का राज.
अमेरिकी स्पेस एजेंसी 'नासा' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 'आसमान में बनने वाली इस सफेद लकीर को 'कंट्रेल्स' कहते हैं. कंट्रेल्स भी बादल ही होते हैं, लेकिन वह आम बादलों की तरह नहीं बनते. ये हवाई जहाज या रॉकेट से बनते हैं और काफी ऊंचाई पर बनते हैं' इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, जमीन से करीब 8 किलोमीटर ऊपर और -40 डिग्री सेल्सियस में इस तरह के बादल बनते हैं. हवाई जहाज या रॉकेट के एग्जॉस्ट (फैन) से एरोसॉल्स (एक तरह का धुआं) ​निकलते हैं.

जब आसमान की नमी इन एरोसॉल्स से साथ जम जाती है, तो कंट्रेल्स बनते हैं. आपको बता दें कि, कंट्रेल्स सबसे पहले साल 1920 में दुसरे विश्व युद्ध के दौरान देखे गए थे. उस वक्त कई खबरे ऐसी आयी थी कि, इस धुएं के कारण कई विमान आपस में टकरा गए थे क्योकि उन्हें कुछ दिखाई नहीं रहा था.

इस शहर में 12 दिनों तक लोग फंसे थे ट्रैफिक जाम में, विश्व इतिहास का सबसे लम्बा ट्रैफिक जाम

विश्व का सबसे लम्बा ट्रैफिक जाम- आप जाम में फंसते हैं तो कितना परेशान होते हैं. जिस जाम में फंसकर आपका पल भर भी समय नहीं कटता है, वहीं चीन में घंटों का जाम आम बात है. इतना ही नहीं एक बार तो यह जाम इतना लम्बा हो गया कि लोगों को 12 दिन तक जाम में रहना पड़ा.

चीन की राजधानी के पास दो-चार नहीं बल्कि सौ किमी लम्बा ट्रैफिक जाम लग गया. यह जाम चीन के इतिहास में सबसे बड़ा और भयंकर जाम था. इस जाम का हालत यह था कि लोगों को लगफग दो हफ्ते तक इस जाम में फंसे रहना पड़ा था. तो आइये पढ़ते हैं विश्व इतिहास के सबसे लम्बे जाम के बारें में- विश्व का सबसे लम्बा ट्रैफिक जाम-
दरअसल चीन के शहर पेईचिंग में तिब्बत-पेइचिंग हाइवे पर सड़क को मरम्मत करना सरकार को भाड़ी पर गया. मरम्मत के कारण सड़क को एकतरफा चलाना पड़ा. देखते ही देखता यह जाम इतना बड़ा हो गया कि ट्रैफिक को खत्म करने में प्रसाशन की हालत खराब हो गई.

इस ट्रैफिक में फंसे ट्रक और कई बड़ी गाड़िया भी खराब हो गई जिसने जाम को और भी खतरनाक बना दिया.
इसमें हाईवे के किनारे पर रहने वाले स्थानीय लोगों की चांदी हो गई. उन्होंने स्नैक्स, कोल्डड्रिंक, नूडल्स चार गुणा दामों पर बेचा वहीं पीने के पानी की कीमत दस गुणा तक हो गई थी. लोग इसे खरीदने को मजबूर थे. उनके पास ट्रैफिक में फंसे रहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था.
इन लोगों ही हालत इतनी बेकार हो गई कि वो आज भी उस दिन को कोसते हैं.जाम का असर यह हुआ कि सरकार को इस रुट पर आने वाली सभी गाड़ियों पर रोक लगा दी और उनका रास्ता बदल दिया गया.

चीन में ट्रैफिक जाम ने सारे रिकोर्ड तोड़ दिया है. टॉम टॉम रिसर्च की माने तो चीन में एक व्यक्ति लगभग 9 घंटे ट्रैफिक जाम में रहता है. जिस समय यह ट्रैफिक लगा उस वक्त के बारे में कहा जाता है कि चीन की आधी से ज्यादा आबादी लगभग 750 मिलियन लोग यात्रा कर रहे थे.
हजारों गाड़ियों के इस जाम में जो फंस गया उसे कभी नहीं भुला सकता. चाइना के इतिहास में यह हमेशा के लिए दर्ज हो गया. इससे बुरा दिन कभी किसी का हो ही नहीं सकता.

बिना मेकअप गांव की लड़कियों जैसी भी नहीं दिखतीं कंगना, नरगिस, करिश्मा, रानी और प्रियंंका

यह तो सबको पता है एक अच्छी ड्रेस के साथ क्वालिटी मेकअप की जरूरत होती है।
जब आप टीवी में फिल्म की हीरोइनों को देखते हैं उनकी ड्रेस जितनी खूबसूरत होती है, उतना ही उनका मेकअप उनमें चार चांद लगा देता है।
कभी आपने सोचा है ये बॉलीवुड हिरोइनों मेकअप के बिना कैसी दिखती हैं।
आप इस बात के लिए खुश हो सकती हैं क्योंकि आप भी उनसे अच्छी दिखती होंगी। 
देखिए...


कंगना रनौत
एक्टिंग की बात करें, तो इनका जवाब नहीं, लेकिन आप बिना मेकअप के कंगना को देखकर हैरान हो जाएंगे।

नरगिस फखरी
'रॉकस्टार' एक्ट्रेस नरगिस फखरी को देखिए मेकअप और बिना मेकअप के।

करिश्मा कपूर
फेमस हीरोइन करिश्मा कपूर को बिना मेकअप में देखकर आप चौंक जाएंगे।
प्रियंका चोपड़ा
बिना मेकअप के ऐसी दिखती हैं पिकी चॉप्स।

परिणीति चोपड़ा
परिणीति चोपड़ा को बिना मेकअप के आपने देखा है कभी।

रानी मुखर्जी
बंगाली गर्ल रानी मुखर्जी का बिना मेकअप के चेहरा आप सोच भी नहीं सकते।

नेहा धूपिया
देखिए नेहा मेकअप और बिना मेकअप में कितनी अलग लग रही हैं।

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive

Search This Blog

BTemplates.com